अगर आप पुरूष है और आपने किसी महिला के नाम से अपना फेसबुक अकाउंट खोल रखा है और उसमे सुंदर महिला का फोटो लगा रखा है। यह फेसबुक जानता है की आप एक पुरुष है और आपने एक महिला के नाम से अकाउंट खोला है और फेसबुक आपके बारेमे सबकुछ जानता होता है की आपकी उम्र क्या है, आप कहा पर रहते हो, आप कितने पढे लिखे हो, आप किस धर्म के हो, भाड़े के मकान मे रहते हो या फिर आपके घर की किम्मत क्या है ? यह सबकुछ फेसबुक को पता होता है। 

फेसबुक का नया अलगोरिधम यह भी जानता है की आप किसको पसंद करते हो या नहीं। यह भी नहीं फेसबुक को यह भी पता चल जाता है की आप किसी महिला के साथ प्रेम मे पड़ने वाले हो या नही। आपकी कार कौनसी है, उसका इन्स्योरंस कब खत्म होने वाला है, आप कौन कौन सी वेबसाइट्स देखते हो, आपका कोंटेकट लिस्ट यह सबके बारेमे उसे पता होता है। आपने किस फोन नंबर पर सबसे ज्यादा बात की, कितने समय तक की यह सब जानकारी फेसबुक को पता होती है। 

क्या आपको अभी तक यह पता था की इतनी सारी जानकारी फेसबुक के पास होती है। अभी तो यह कुछ भी नहीं है, फेसबुक के पास जो जानकारी होती है उसकी 10% जानकारी की लिस्ट हमने आपको ऊपर दी है। यह सब कैसे होता है और कैसे फेसबुक को हमारी इतनी जानकारी होती है उसके बारेमे हम आगे बात करेंगे। 

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फेसबुक के पास हमारी इतनी सारी जानकारी कैसे : 

जब आप अपने स्मार्टफोन मे फेसबुक एप को इंसटोल करते हो तो गूगल एप स्टोर आपको बताता है की फेसबुक आपके फोन मे नीचे दी गई सर्विस को उपयोग करने के लिए पर्मिशन मांग रहा है और आप बिना पढे ही सीधे परमिशन दे भी देते हो। 

उस परमिशन मे होता है की आप फोन पर क्या क्या एक्टिविटी करते हो, कितनी एप्लिकेशन आपके मोबाइल मे चल रही है, आपकी ब्राऊजिंग हिस्ट्री, बुकमार्क्स, आपके गूगल एकाउंट का डेटा यानि की आपका नाम, उम्र, जाती, यह सब उसमे सामिल होता है। आपका सम्पूर्ण कोंटेक्ट लिस्ट, आपकी लोकेशन, SMS, MMS, Photo, Video, Audio और साथ ही साथ आपकी External Storage यानि की आपका मेमरी कार्ड का भी एक्सेस उसमे सामिल होता है। 

इतना ही नहीं आपके केमरे को चलाने की परमिशन, माइक्रोफोन, आपका फोन नंबर, उसका डिवाइज़ आईडी, और आप फोन पर किस नंबर से बातचीत कर रहे हो यह परमिशन भी फेसबुक मांग लेता है। यह तो कुछ नहीं है इससे भी गंभीर बात तो यह है की फेसबुक आपसे उसकी भी परमिश्न मांग लेता है की फेसबुक आपके फोन मे बिना नोटिफिकेशन भेजे वह कुछ भी डाउन्लोड कर सकता है। आपकी कोंटेक्ट लिस्ट भी चेंज कर सकता है।  

इतने सारे व्यक्ति के डेटा को संग्रह करने के लिए विशाल कोमप्यूटर होने चाहिए। बड़े बड़े सर्वर चाहिए होते है। टेकनीशियन और इंजीनियर्स और बड़ा इन्फास्ट्रक्चर और बड़ा स्टाफ चाहिए होता है। अब सवाल यह आता है की फेसबुक यह क्यू करता है तो वह हम आगे देखेंगे। फेसबुक आपको दो चीजों के लिए ऑफर करता है। (1) आपका वह डेटा जो फेसबुक ने अभी तक उसने संग्रह किया है उसको आप फेसबुक से मांग सकते है और (2) फेसबुक ने आपकी परसनलिटी कैसी बनाई है यानि की आप किस एडवरटाइसमेंट के लिए पसंद किए जाते हो वह। आसान तरीके से कहे तो किस एडवरटाइसर ने आपके पीछे कितने रुपए खर्चे है उसकी जानकारी आप मांग सकते है। 

अब सवाल यह आता है की फेसबुक यह क्यो करता है ? 

उसका जवाब है पैसो के लिए। अब आपको यह सवाल आएगा की पैसो के लिए इतनी सारी महेनत ? इतने लोगो का डेटा अपने पास रखना ? आपको बता दे की जब भी आप टीवी देख रहे होते हो तब बीच मे कोई विज्ञापन दिखाया जाता है तो आप बोर हो जाते हो क्योकि आप जो भी कार्यक्रम देखते हो वह आपका मनपसंद होता है और बीच मे यह विज्ञापन आ जाता है। टीवी वालो को उससे कोई मतलब नहीं होता की आप वह कार्यक्रम अच्छे से देखे या न देखे। उनको तो सिर्फ अपने टीवी चेनल पर महंगे एड्स दिखाने मे रस होता है। 

जबकि फेसबुक नहीं चाहता कि लोग उसके ऐप से ऊब जाएं और लोग दूसरे सोशल मीडिया नेटवर्क पर जाते रहें। यही कारण है कि फेसबुक आपके कंप्यूटर के माध्यम से आपके प्रोफाइल डेटा को प्रोसेस करता है। साथ ही आपको (यहां तक ​​कि विज्ञापन) भी दिखाते हैं जो आपको पसंद है और वास्तव में फेसबुक भी इसमें एक मास्टर है। परिणामस्वरूप, हर महीने लगभग 200 मिलियन लोग फेसबुक का उपयोग करते हैं। अब यह सब करने के लिए उसे विज्ञापनों की भी आवश्यकता है और फेसबुक इन विज्ञापनों के बजाय चल रहा है (यदि कोई विज्ञापन नहीं है तो आप मुफ्त में फेसबुक का उपयोग नहीं कर सकते हैं)। लेकिन उनके विज्ञापन हमारी पसंद के हैं। जो इसे हमारी रूचि के अनुसार हमारे फेसबुक पेज पर दिखाता है। अब आपको अपनी पसंद / नापसंद जानने के लिए जासूसी करनी है या नहीं?

फेसबुक आपको चार तरह से निशाना बनाता है। (1) जियो (Geo) टारगेटिंग: - जिसमें फेसबुक आपको आपके लोकेशन के आधार पर टारगेट करता है। जैसे यदि आपके पास अहमदाबाद में केक बनाने की दुकान है, तो यह आपके विज्ञापन को केवल आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ अहमदाबाद के निवासियों को भी दिखाएगा। चेन्नई में फेसबुक उपयोगकर्ता को अपनी दुकान का विज्ञापन दिखाने की क्या बात है ? (२) जनसांख्यिकी: - जिसमें शामिल हैं आपने कितना अध्ययन किया है, चाहे आप शादीशुदा हैं / सगाई की है या नहीं, आपका जन्मदिन कितना है या आपके मित्र का जन्मदिन है, क्या आप तलाकशुदा हैं या एकल हैं, क्या आप एक नई नौकरी में शामिल हुए हैं। 

ऐसी जानकारी के साथ आप व्यक्तिगत रूप से लक्षित हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लें कि मेरे पास एक ज्वेलरी शोरूम है, तो मैं उन व्यक्तियों के डेटा के लिए फेसबुक से पूछता हूं, जिनकी वर्षगांठ / सगाई / जन्मदिन अगले तीस दिनों के भीतर आते हैं। जिसने, निश्चित रूप से, वीडियो को रातोंरात सनसनी बना दिया। (३) रुचि: - आप जिस चीज में रुचि रखते हैं उसमें क्या शामिल है? जैसे कि क्रिकेट, फुटबॉल, शतरंज, ऑनलाइन डेटिंग, बॉडी बिल्डिंग, योग, वजन बढ़ना / हानि, खाना पकाना, राजनीति, यात्रा, कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन आदि। (४) व्यवहार: - जिसमें शामिल हैं .... राष्ट्रीयता, रोजमर्रा की वस्तुएं, क्या आप किसी फेसबुक पेज के एडमिन हैं?  आदि। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास सैमसंग मोबाइल है और सैमसंग मोबाइल कवर बनाने वाली कंपनी आपको आसानी से निशाना बना सकती है। 

वहाँ भी अन्य उपप्रकार हैं पिक्सेल। इसका मतलब है कि आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर कुछ वेबसाइटों पर जाते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप शर्ट के लिए कोई विज्ञापन देखते हैं और वेबसाइट पर जाने के लिए उस पर क्लिक करते हैं। लेकिन शर्ट नहीं खरीदी। इसलिए फेसबुक आपकी जानकारी बचाता है और आपको फिर से वही विज्ञापन दिखाता है।
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इस रणनीति से सभी को फायदा होता है। आप केवल अपना पसंदीदा विज्ञापन देखते हैं और विज्ञापनदाता पैसे बचाता है क्योंकि वह केवल अपना विज्ञापन उन लोगों को दिखाता है जिन्हें इसकी आवश्यकता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि फेसबुक या इसके उपयोगकर्ता दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी नहीं जाते हैं।

दोस्तो आपको यह जानकारी कैसी लगी आप हमे कॉमेंट बॉक्स मे बता सकते है और एसी ही जानकारी पढ़ने के लिए आप हमारी यह वेबसाइट की मुलाक़ात लेते रहिए। अगर आपको किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो आप कॉमेंट बॉक्स मे हमे बता सकते है। हम उसपर एक अच्छा सा आर्टिकल लिखेंगे। इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।